मोह
माल जब तक दुकान में हो तब तक मोह फिर भी समझ आता है, माल बिकने के बाद मोह कैसा ?
पर हम तो जीव के जाने के बाद (दूसरी दुकान पर चले जाने के बाद) भी मोह कर रहे हैं ।
माल जब तक दुकान में हो तब तक मोह फिर भी समझ आता है, माल बिकने के बाद मोह कैसा ?
पर हम तो जीव के जाने के बाद (दूसरी दुकान पर चले जाने के बाद) भी मोह कर रहे हैं ।
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