मोह

एक शराबी बीच सड़क में पड़ा था । सब उसे बचने के लिये समझा रहे थे ।
वह सुन सबकी रहा था पर देख नहीं रहा था, आँखें मुंदी थी, इसलिये बच नहीं पा रहा था ।

हमारी स्थिति भी मोह के नशे में ऐसी ही तो है !!

मुनि श्री विनिश्चयसागर जी

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