राग को तो बुरा कहा, फिर धर्मानुराग अच्छा कैसे ?
धर्म को बहुमान देने/ अपने में धारण करने के लिये धर्म से और धर्म धारण करने वाले धर्मात्माओं से राग रखना ही होगा।
(अन्यथा जीवन धर्ममय कैसे बनेगा)
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने राग का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए राग सिर्फ भगवान् एवं मुनियों पर श्रद्वान करना परम आवश्यक है। इसके अतिरिक्त किसी पर राग नहीं रखना चाहिए।
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने राग का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए राग सिर्फ भगवान् एवं मुनियों पर श्रद्वान करना परम आवश्यक है। इसके अतिरिक्त किसी पर राग नहीं रखना चाहिए।