इष्ट पदार्थो के प़ाप्त या हर्ष रुप परिणाम होना राग है। वीतराग धर्म कहता है कि चोर यानी द्वेषादि को नहीं बल्कि चोर की मां यानी राग को पकड़ो। Reply
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इष्ट पदार्थो के प़ाप्त या हर्ष रुप परिणाम होना राग है।
वीतराग धर्म कहता है कि चोर यानी द्वेषादि को नहीं बल्कि चोर की मां यानी राग को पकड़ो।