विश्वास
व्रतादि के बारे में भगवान ने ही कहा है, विश्वास कैसे करें ?
तत्त्वार्थ सूत्रादि सब ग्रंथों में एक सा वर्णन सिद्ध करता है कि सब आचार्यों ने एक भगवान के ही वचनों का वर्णन किया है, अपनी-अपनी बुद्धि से नहीं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
व्रतादि के बारे में भगवान ने ही कहा है, विश्वास कैसे करें ?
तत्त्वार्थ सूत्रादि सब ग्रंथों में एक सा वर्णन सिद्ध करता है कि सब आचार्यों ने एक भगवान के ही वचनों का वर्णन किया है, अपनी-अपनी बुद्धि से नहीं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
One Response
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी का विश्वास का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः भगवान् की वाणी के लिए आचार्यों पर विश्वास करना परम आवश्यक है ताकि देश का कल्याण हो सकता है।