विसंवाद साधर्मी से इसलिये कहा क्योंकि विधर्मी से सम्पर्क ही नहीं/ कम होता है।
निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी
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मुनि श्री वीरसागर महाराज जी का कथन सत्य है कि विसंवाद साधर्मी से इसलिए कहा क्योंकि विधर्मी से सम्पर्क ही नहीं या कम होता है! अतः जीवन में विसंवाद साधर्मी से करना चाहिए!
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मुनि श्री वीरसागर महाराज जी का कथन सत्य है कि विसंवाद साधर्मी से इसलिए कहा क्योंकि विधर्मी से सम्पर्क ही नहीं या कम होता है! अतः जीवन में विसंवाद साधर्मी से करना चाहिए!