वीतरागता

आंसू चाहे खुशी के हों या दु:ख के, दृष्टि को तो धूमिल करते ही हैं।
इसीलिए वीतरागता का इतना महत्त्व है।

चिंतन

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2 Responses

  1. चिंतन में वीतरागता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए अपनी दृष्टि वीतरागता पर रखना परम आवश्यक है।

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