आयुकर्म की उदीरणा(जो कमला बाई जी के अनुसार छठे गुणस्थान तक होती है), के चलते वृद्धावस्था में कमजोरी आती है। जो उदीरणा नहीं होने देते, जैसे आचार्य श्री विद्यासागर, वे 76 वर्ष की आयु में बीमार अवस्था में 650 किलोमीटर की पदयात्रा कर शिरपुर पहुँचते हैं।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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4 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने वृद्धावस्था का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए वृद्धावस्था आने के पूर्व ही परमार्थ कार्य करना परम आवश्यक है।
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने वृद्धावस्था का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए वृद्धावस्था आने के पूर्व ही परमार्थ कार्य करना परम आवश्यक है।
Maharajshri ne कमला बाई जी ka naam liya ? Ise clarify karenge, please ?
नहीं,
confusion हटाने को bracket डाल दिया।
Okay.