व्रती

व्रती शब्द वृत से बना है, जिस‌की परिधि हो। परिधि को भी छोटा करते जाते हैं।
लगातार सुधार के कारण व्रत बोझल/ Boring नहीं लगते/ उत्साह बना रहता है। सुधार काय में तो होना कठिन है सो मन और वचन सुधारें।

ब्र.डॉ.नीलेश भैया

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6 Responses

  1. नीलेश भैया जी ने वृती को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए वृती जीवन में उत्साह बनाकर रखना परम आवश्यक है, इसके अतिरिक्त मन वचन को सुधारने का प़यास करना भी आवश्यक है।

  2. सुधार काय में kyun नहीं हो सकता ? Ise clarify karenge, please ?

    1. “…नहीं हो सकता” को करेक्ट करके, “कठिन है” कर दिया।

    1. वृति को वृत छोटा करने को कहा, अवृति अपने बड़े संसार को यथासंभव कम करें।

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