शुद्धोपयोग

सातवें से बारहवें गुणस्थान तक ही शुद्धोपयोग क्यों, केवली के क्यों नहीं रहता ?

केवली बनने पर ध्याता-ध्येयपने का अवलम्बन नहीं रहता, इसीलिये ध्यान भी उपचार से कहा है ।
केवली के तो शुद्धोपयोग का फल होता है ।

जिनभाषित 3/10

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