मनुष्य जो पाता है,
सो भाता नहीं,
इसलिये साता आता नहीं ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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संतोष मिलने से मन की शांति होती है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि मनुष्य जो पाता है,सो भाता नहीं, इसलिए साता आता नहीं है। अतः जीवन में जो प्राप्त को पर्याप्त समझता है, उन लोगों को हमेशा संतोष यानी मानसिक शांति मिलती है।
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संतोष मिलने से मन की शांति होती है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि मनुष्य जो पाता है,सो भाता नहीं, इसलिए साता आता नहीं है। अतः जीवन में जो प्राप्त को पर्याप्त समझता है, उन लोगों को हमेशा संतोष यानी मानसिक शांति मिलती है।