सज़ा

  • शेर भी अन्याय करता है –
    दूसरों के बच्चों / कमजोरों / बूढ़ों को जिंदा खा जाता , पत्नियों को छीन लाता ,
    अपनों को प्यार करता है !!
    फिर रावण का पुतला क्यों जलाया जाता है ?
    जबकि शेर को पाला जाता है ??
  • शेरों की पर्यायगत बाध्यताऐं होतीं हैं,
    पर मनुष्य को विवेक / ज्ञान मिला है,
    फिर भी जानवरों जैसे काम करे तो सज़ा भी बड़ी मिलनी चाहिए न ?

    चिंतन

  • रावण के 10 सिर, तुम्हारे कितने मुखोटे ?
    उसे अहंकारी कहा, तुम जरा से ज्ञान/पैसा आने पर कितने इतराते हो ??
    उसने दूसरे की पत्नी तो चुरायी, पर उसे हाथ नहीं लगाया,
    तुम मन/वचन/काया से कितनों के साथ व्यभिचार करते रहते हो ???

रावण तो हम सब के मन में बैठा घुट रहा है / सज़ा पा रहा है,
हमको कितनी सज़ा मिलेगी , कुछ ख्याल है ???????????

Share this on...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives

October 3, 2014

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930