सफाई

कोरोना काल में बर्तन साफ करते समय महसूस हुआ कि – गंदे बर्तन जब साफ दिखते हैं तो मन को कितना अच्छा लगता है।
ऐसे ही जब दूषित आत्मा साफ होगी तब कैसी आनंद की अनुभूति होगी।

चिंतन

(वो भी ख़ुद करने पर महसूस होता है…सुमन)
(बहुत सही, बर्तन गंदे/ साफ तो रोज़ देखते थे; ये चिंतन तभी आया जब सफाई ख़ुद की।
आत्मा की सफाई भी ख़ुद ही करनी होगी, पढ़ने/ सुनने से नहीं होगी)

(सफाई का तरीका ?…अनिता जी)
1) पाप/ अधर्म, व्यसनों से दूर रह कर
2) सुसंगति/ स्वाध्याय से
3) व्रत/ तप/ ध्यानादि करके

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One Response

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि कोराना काल में बर्तन साफ करते हुए मन को बहुत अच्छा लगता है। इसी प़कार दूषित आत्मा को साफ होगी तब ही आनन्द की अनुभूति होगी। अतः जीवन में आत्मा को निर्मल एवं पवित्र बनाने पर ही जीवन का कल्याण हो सकता है।

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