सम्यग्दर्शन भाव-प्रणाली है।
केवल चर्चा कर ली, वहीं तक सम्यग्दर्शन की परिणति मत रखो।
सम्यग्दर्शन के 8 अंगों को प्रयोग में लाइये।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि सम्यग्दर्शन भावप़णाती है! चर्चा कर ली, वहीं तक सम्यग्दर्शन की परिणति मत रखो! इसके लिए सम्यग्दर्शन के आठ अगों का प़योग में लगाना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि सम्यग्दर्शन भावप़णाती है! चर्चा कर ली, वहीं तक सम्यग्दर्शन की परिणति मत रखो! इसके लिए सम्यग्दर्शन के आठ अगों का प़योग में लगाना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!