सुख
शैतान बच्चे ने तीन बकरियों पर एक, दो और चार नम्बर डाल कर स्कूल में घुसा दिया। सब लोग बकरियों को पकड़ने लगे। तीन बकरियाँ तो मिल गयीं; लेकिन तीन नम्बर वाली बकरी ढूँढ़ने में पूरा स्कूल पूरे दिन लगा रहा, पर वह नहीं मिली।
हम भी सुख ढूँढ़ते रह जाते हैं। मिले तो तब, जब हो। वर्तमान काल को दु:खमा नाम ही दिया गया है।
(ऐन.सी.जैन- नोयडा)
One Response
सुख का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए प़तेक परिस्थितियों में सुख का अनुभव करना परम आवश्यक है।