वर्गणा में Pattern होता है।
वर्ग एक समान शक्ति वाले अणुओं का ग्रहण।
एक-एक अणु बढ़ाते-बढ़ाते भी Quality में फर्क नहीं होता।
स्कंध में कोई Pattern नहीं होता है। अणु चाहे संख्यात या असंख्यात मिलकर स्कंध बनायें।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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4 Responses
मुनि महाराज जी ने स्कंध एवं वर्गणा की परिभाषा बताकर जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है!
ek taraf to kaha ki ‘वर्ग एक समान शक्ति/ संख्या वाले अणुओं का ग्रहण’ aur next line me kaha ki ‘एक-एक अणु बढ़ाते-बढ़ाते भी Quality में फर्क नहीं होता’ । Agar ek-ek anu badh raha hai to samaan sankhya kahan rahi ? Also can the meaning of the last sentence on ‘स्कंध’ be explained a little more in detail, please ?
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मुनि महाराज जी ने स्कंध एवं वर्गणा की परिभाषा बताकर जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है!
ek taraf to kaha ki ‘वर्ग एक समान शक्ति/ संख्या वाले अणुओं का ग्रहण’ aur next line me kaha ki ‘एक-एक अणु बढ़ाते-बढ़ाते भी Quality में फर्क नहीं होता’ । Agar ek-ek anu badh raha hai to samaan sankhya kahan rahi ? Also can the meaning of the last sentence on ‘स्कंध’ be explained a little more in detail, please ?
1) सिर्फ शक्ति रहने दिया है, अब confusion नहीं होगा !
2) स्कंध में चाहे संख्यात अणु मिलें या असंख्यात, कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि pattern ही नहीं है।
Okay.