सहनशीलता
झील को पत्थर स्वीकार तो करने होंगे ,
पर तरंगे न उठें ।
उठें ,तो पीछे हट जाओ;
फिर पत्थर का आवाह्न करो ।
ब्र. नीलेश भैया
झील को पत्थर स्वीकार तो करने होंगे ,
पर तरंगे न उठें ।
उठें ,तो पीछे हट जाओ;
फिर पत्थर का आवाह्न करो ।
ब्र. नीलेश भैया