स्वस्थ वह है, जो बिना दवाइयों के जीवन जी रहा हो।
इन्द्रिय-भोग दवायें हैं, इच्छाओं को दबाने की,
पर इनसे इच्छाओं की पूर्ती नहीं होती, इस दवा को लगातार लेते रहना पड़ता है।
तो ऐसा व्यक्ति स्वस्थ कैसे माना जायेगा !!
प्रकाश छाबड़ा
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स्वास्थ्य जीवन की प़ाण रेखा है,जो महत्व रखता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि स्वस्थ वही है जो बिना दवाईयां के जी रहा है।जो इन्दिय भोगों में रहता है वह स्वस्थ नहीं रह सकता है, अतः जीवन में अपनी इच्छाओं की पूर्ति पर नियंत्रण रखना आवश्यक है, जिससे दवाईयों का सेवन नहीं करना पड़े, वही स्वास्थ्यता कहा जावेगा।
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स्वास्थ्य जीवन की प़ाण रेखा है,जो महत्व रखता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि स्वस्थ वही है जो बिना दवाईयां के जी रहा है।जो इन्दिय भोगों में रहता है वह स्वस्थ नहीं रह सकता है, अतः जीवन में अपनी इच्छाओं की पूर्ति पर नियंत्रण रखना आवश्यक है, जिससे दवाईयों का सेवन नहीं करना पड़े, वही स्वास्थ्यता कहा जावेगा।