होशियार
एक दिन अकबर ने बीरबल से कहा की तुम इतने होशियार हो तो तुम्हारे पिता कितने होंगे, कल उन्हें दरबार में लेकर आओ । पिता तो इतने होशियार थे नहीं , पर बीरबल ने उनको एक गुर सिखा दिया ।
अगले दिन अकबर बड़े बड़े प्रश्न लेकर तैयार बैठा था, प्रश्न किया पर पिताश्री मौन रहे और मुस्कुराते रहे ।
अकबर ने बीरबल से पूछा – ये मेरे प्रश्नों का ज़बाब क्यों नहीं दे रहे हैं ?
बीरबल ने कहा – खता माफ़, ये बेवकूफों से बात नहीं करते ।
हम दुनियासे क्यों बात करते हैं ?
आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी
One Response
Its really a very good lesson as ignoring people from the outside people and concentrating on only our own actions can really help us in focussing on our personal goals and attaining moksha.