घड़े में पानी हो तो बाहर संकेत दिखते हैं/ स्पर्श करने पर शीतलता महसूस होगी ही।
अंतरंग में गुण/ ज्ञान/ चारित्र हो तो बाह्य में झलकेगा ही।
(विजय कमावत)
(ऐसे ही अवगुण भी बाहर झलकेंगे ही)
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उपरोक्त कथन सत्य है कि घडे़ में पानी हो तो बाहर संकेत मिलता है कि उसको स्पर्श करने पर शीतलता महसूस होता है! अतः जब अंतरंग में गुण ज्ञान एवं चारित्र होता है तो ब़ाह्य में अवश्य झलकता है! अतः जीवन के कल्याण के लिए अंतरंग गुणों को अपनाना चाहिए ताकि जीवन सफल हो सकता है!
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उपरोक्त कथन सत्य है कि घडे़ में पानी हो तो बाहर संकेत मिलता है कि उसको स्पर्श करने पर शीतलता महसूस होता है! अतः जब अंतरंग में गुण ज्ञान एवं चारित्र होता है तो ब़ाह्य में अवश्य झलकता है! अतः जीवन के कल्याण के लिए अंतरंग गुणों को अपनाना चाहिए ताकि जीवन सफल हो सकता है!