आप की अच्छाईयाँ बेशक अदृश्य हो सकतीं हैं |
लेकिन इनकी छाया हमेशा दूसरों के ह्रदय में सदृश्य दिखती रहतीं हैं ।
(सुरेश)
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मनुष्य में अच्छाईयां और बुराईयां होती है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि आपकी अच्छाईयां बेशक अद्रश्य हो सकती हैं, लेकिन इनकी छाया हमेशा दूसरों के हृदय पर सदृश्य दिखती रहती है। अतः जीवन में अच्छाईयों को ग़हण करना आवश्यक है ताकि उसकी छाया दूसरों को अवश्य सदृश्य दिखती रहेगी।
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मनुष्य में अच्छाईयां और बुराईयां होती है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि आपकी अच्छाईयां बेशक अद्रश्य हो सकती हैं, लेकिन इनकी छाया हमेशा दूसरों के हृदय पर सदृश्य दिखती रहती है। अतः जीवन में अच्छाईयों को ग़हण करना आवश्यक है ताकि उसकी छाया दूसरों को अवश्य सदृश्य दिखती रहेगी।