दुर्योधन के पास अजेय योद्धा होते हुये भी हारने का कारण है –
उसने अच्छे समय में उनको(अजेय योध्दाओं को) याद नहीं किया, इसलिये बुरे समय में वो काम नहीं आये ।
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जीवन में अच्छा और बुरा समय आता रहता है। अतः दुर्योधन के पास अजेय योद्धा भी थे लेकिन हारने का मुख्य कारण है कि अच्छे समय में उनको कभी याद नहीं किया गया था। इसलिए वह बुरे समय में काम नहीं आये थे। पांडवों ने धर्म की रक्षा के लिए युद्ध किया था जबकि दुर्योधन ने अधर्म का पालन किया था। हमेशा सत्य की विजय होती है।
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जीवन में अच्छा और बुरा समय आता रहता है। अतः दुर्योधन के पास अजेय योद्धा भी थे लेकिन हारने का मुख्य कारण है कि अच्छे समय में उनको कभी याद नहीं किया गया था। इसलिए वह बुरे समय में काम नहीं आये थे। पांडवों ने धर्म की रक्षा के लिए युद्ध किया था जबकि दुर्योधन ने अधर्म का पालन किया था। हमेशा सत्य की विजय होती है।
“उनको” matlab kisko?
अजेय योध्दा
Duryodhana ne kisko yaad nahi kiya?
अजेय योध्दाओं को अच्छे समय में याद नहीं किया था ।
Okay.