अच्छा
मन की आवाज़ अच्छी लगती है, पर बुरा बनाती है ।
अंतरंग की आवाज़ बुरी लगती है, पर अच्छा बनाती है ।
मन की मनमानी ना होने दें ।
मन की आवाज़ अच्छी लगती है, पर बुरा बनाती है ।
अंतरंग की आवाज़ बुरी लगती है, पर अच्छा बनाती है ।
मन की मनमानी ना होने दें ।
4 Responses
Suresh chandra jain
This is very true & important; antarang ki aawaaz hee aapka bhala karega, na ki man ki aawaaz.
Magar hum “Mann” aur “antarang” ke beech differentiate kaise karein?
मन, जो शरीर से सम्बंधित/बाह्य इच्छायें करे ।
अंतरंग, आत्मा के उत्थान की सोचे । शरीर के रख रखाव के पीछे भी धर्म साधना का भाव रहे । न्याय संगत बात करे ।
okay.