यदि कोई एक बार हमारा अनादर कर देता है, तो उस अनादर को हम सौ बार दोहराते हैं।
यदि वह दंड का अधिकारी है, तो हम सौ गुने अपराधी हुए!
ब्र. डॉ. नीलेश भैया
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2 Responses
ब़ नीलेश भैया जी ने अनादर का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए कभी किसी का अनादर नहीं करना चाहिए। यदि अपने को कोई अनादर करता है उसे सहन करने की भावना होनी चाहिए।
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ब़ नीलेश भैया जी ने अनादर का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए कभी किसी का अनादर नहीं करना चाहिए। यदि अपने को कोई अनादर करता है उसे सहन करने की भावना होनी चाहिए।
Very true!