अनुकम्पा
दो प्रकार की अनुकम्पा –>
- सामान्यजन के प्रति अनुकम्पा।
- साधुजन के प्रति अनुकम्पा।
इसमें विशेष पुण्य/ लाभ मिलेगा। Feeling विशेष होगी क्योंकि Object Higher Quality का होता है। इसमें सावधानी कि घटना ही न घटे जबकि सामान्यजन पर अनुकम्पा, घटना घटित होने के बाद में की जाती है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र – 6/12)