जियें ऐसे कि जीवत्व की अनुभूति हो !
मरें तो ऐसे कि अमरत्व की अनुभूति हो।
आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी (30 जुलाई 2024)
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6 Responses
आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने अनुभूति को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए जीवन में कुछ अच्छा करना चाहिए ताकि अमरत्व की अनुभूति होना परम आवश्यक है।
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने अनुभूति को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए जीवन में कुछ अच्छा करना चाहिए ताकि अमरत्व की अनुभूति होना परम आवश्यक है।
2nd sentence me jo diya hai, wo kya first sentence ka answer hai?Ise clarify karenge,please?
प्रश्नात्मक हटा दिया…”जियें ऐसे कि जीवत्व की अनुभूति हो” !
जीवत्व की अनुभूति kaise hogi ? Ise clarify karenge, please ?
उत्साह पूर्वक/ सकारात्मक/ अर्थपूर्ण जीवन।
Okay.