अपकर्ष कालों में सबसे ज्यादा जीव एक बार आयुबंध करते हैं। उनसे असंख्यात गुणे कम 2 बार। क्रमश: संख्यात-2 गुणे कम-कम होते, 8 बार आयुबंध वाले सबसे कम।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीव कांड-गाथा – 518)
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने आयुबंध की परिभाषा की गई है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने आयुबंध की परिभाषा की गई है वह पूर्ण सत्य है।