अपर्याप्तकों के क्षयोपशम-सम्यग्दर्शन
यदि पूर्व में आयु बंध कर लिया हो तो, कृतकृत्यवेदी-क्षयोपशम-सम्यग्दृष्टि चारौं गतियों में जा सकता है । सामान्य-क्षयोपशम-सम्यग्दृष्टि नारकी से मनुष्य, तिर्यंच से देव, मनुष्य से देव तथा देव से मनुष्य बनने पर ही अपर्याप्तक अवस्था में क्षयोपशम-सम्यग्दर्शन के धारी रहते हैं , अन्य में नहीं ।
जिज्ञासा समाधान-121