घर बनाने में श्रम तो चिड़िया और मकड़ी दोनों करतीं है,
पर मकड़ी का अभिप्राय दूसरों को फंसाना है, सो अंत में खुद भी उसी में फंस कर मरती है ।
चिड़िया बच्चों को आश्रय देने के लिये बनाती है, सो खुद भी सुरक्षित रहती है ।
व्यापारी इसीलिए…’शुभ’ पहले लिखते हैं, ‘लाभ’ बाद में ।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि घर बनाने वाले हर प्राणी का अलग अलग अभिप्राय होता है। लेकिन मकड़ी सरीखा घर बनाने का कभी जीवन में प़यास नहीं करना चाहिए। मनुष्यों को तो ऐसा घर बनाना चाहिए जिससे हर प्राणी को आश्रय मिलना चाहिए।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि घर बनाने वाले हर प्राणी का अलग अलग अभिप्राय होता है। लेकिन मकड़ी सरीखा घर बनाने का कभी जीवन में प़यास नहीं करना चाहिए। मनुष्यों को तो ऐसा घर बनाना चाहिए जिससे हर प्राणी को आश्रय मिलना चाहिए।