अर्थ / परमार्थ

संसार कहता है धन कमाओ, परमार्थ कहता है जीवन को धन्य करो; दोनों में सामंजस्य कैसे बैठायें ?
बाएं हाथ से धन कमाओ, दाएं हाथ से धन लगाओ (परमार्थ में)।
धन भी आ जायेगा तथा जीवन धन्य भी हो जायेगा। बांध बना कर पानी रोको पर रोके ही मत रहने दो।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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6 Responses

  1. मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने अर्थ एवं परमार्थ को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए परमार्थ में अधिक से अधिक समय लगाना परम आवश्यक है।

  2. ‘बांध बना कर पानी रोको पर रोके ही मत रहने दो।’ Is sentence ka kya meaning hai, please ?

  3. ‘बांध बना कर पानी रोको पर रोके ही मत रहने दो।’ Is line ka kya meaning hai, please ?

    1. पैसा कमाओ, Emergency के लिए रखो भी पर जमा ही मत करते रह जाओ।

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