शब्दों के माध्यम से मन जितना-जितना अर्थ की ओर जाता है, उसकी एकाग्रता उतनी-उतनी बढ़ती जाती है।
शब्दों को फोड़ने का प्रयास करो, उसके माध्यम से अर्थ की यात्रा करो क्योंकि शब्दों में अर्थ भरा है और अर्थ में परमार्थ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि शब्दों के माध्यम से मन जितना जितना अर्थ की ओर जाता है,उसकी एकाग्रता उतनी उतनी बढ़ती रहती है, इसके अलावा शब्दों को फोडनै का प्रयास करो, उसके माध्यम से अर्थ की यात्रा करो क्योंकि शब्दों में अर्थ भरा हुआ है, और अर्थ में परमार्थ मिलेगा।
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि शब्दों के माध्यम से मन जितना जितना अर्थ की ओर जाता है,उसकी एकाग्रता उतनी उतनी बढ़ती रहती है, इसके अलावा शब्दों को फोडनै का प्रयास करो, उसके माध्यम से अर्थ की यात्रा करो क्योंकि शब्दों में अर्थ भरा हुआ है, और अर्थ में परमार्थ मिलेगा।