अवधिज्ञान
अवधिज्ञान को हम बहुत महत्त्वपूर्ण मानते हैं क्योंकि वह हमारे पास नहीं है। उससे ज्यादा महत्त्वपूर्ण नरभव, अहिंसा धर्म आदि हैं।
जन्म से मिली चीजों की हम कद्र नहीं करते इसलिये उनका सदुपयोग भी नहीं करते।
अवधिज्ञान तो नारकियों को भी उपलब्ध होता है !
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीवकाण्ड गाथा- 375)
4 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने अवधि ज्ञान का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः श्रावकों को मुनि दीक्षा लेना परम आवश्यक है ताकि अवधि ज्ञान की सम्भावना रहे ।
नारकियों को ‘avadhigyaan’ hota hai ya ‘ku-avadhigyaan’ ?
स.दृष्टि नारकियों को अवधिज्ञान,मिथ्यादृष्टियों को कुअवधि ज्ञान।
Okay.