अविरत सम्यग्दर्शन
इसमें निर्जरा ऐसे समझें……
जैसे शादी के समय तो बाजे बजते हैं, बाद में खुद के बाजे बज जाते हैं ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
इसमें निर्जरा ऐसे समझें……
जैसे शादी के समय तो बाजे बजते हैं, बाद में खुद के बाजे बज जाते हैं ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी