अष्टांनिका भक्ति का पर्व है, इसीलिये श्रावकों के लिये ज्यादा महत्वपूर्ण/उपयोगी है, पर्यूषण आध्यात्मिक पर्व होने से मुनियों के लिये विशेष है ।
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अष्टानिका पर्व में देवो के द्वारा नन्दीश्वर द्वीप में प़येक वर्ष कार्तिक, अषाण और फागुन में अष्टमी से पूर्णिमा तक निरंतर भाव पूर्वक जिनेद़ भगवान् की पूजा करते हैं।अतः श्रावको के लिए ज्यादा महवपूर्ण और उपयोगी है।पयूषर्ण पर्व आध्यात्मिक पर्व माना जाता है जो कि मुनियों के लिए विशेष महत्व है लेकिन श्रावको को भी पर्व मनाना चाहिए।
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अष्टानिका पर्व में देवो के द्वारा नन्दीश्वर द्वीप में प़येक वर्ष कार्तिक, अषाण और फागुन में अष्टमी से पूर्णिमा तक निरंतर भाव पूर्वक जिनेद़ भगवान् की पूजा करते हैं।अतः श्रावको के लिए ज्यादा महवपूर्ण और उपयोगी है।पयूषर्ण पर्व आध्यात्मिक पर्व माना जाता है जो कि मुनियों के लिए विशेष महत्व है लेकिन श्रावको को भी पर्व मनाना चाहिए।