दो प्रकार –
1. नकारात्मक – किसी को ना मारना/सताना
2. सकारात्मक – दूसरों की सेवा/रक्षा करना
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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One Response
जीवन में नकारात्मक और सकरात्मक सोच वाले लोग होते हैं। जो लोग नकारात्मक सोच रखते हैं वह अहिंसा धर्म का पालन नहीं कर सकते हैं। सकारात्मक सोच वाले लोग अहिंसा धर्म का पालन करने में समर्थ होते हैं। किसी को मारने पीटने के भाव रखने वाले के अहिंसा धर्म का पालन नहीं होता है। सकारात्मक सोच वाले दूसरों की मदद करना व रक्षा के भाव रखने वाले हमेशा अहिंसा धर्म का पालन करते हैं।
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जीवन में नकारात्मक और सकरात्मक सोच वाले लोग होते हैं। जो लोग नकारात्मक सोच रखते हैं वह अहिंसा धर्म का पालन नहीं कर सकते हैं। सकारात्मक सोच वाले लोग अहिंसा धर्म का पालन करने में समर्थ होते हैं। किसी को मारने पीटने के भाव रखने वाले के अहिंसा धर्म का पालन नहीं होता है। सकारात्मक सोच वाले दूसरों की मदद करना व रक्षा के भाव रखने वाले हमेशा अहिंसा धर्म का पालन करते हैं।