आकाश में गुरुत्वाकर्षण शक्ति हर जगह बनी हुई है, अलोकाकाश में भी। वह बादर तथा सूक्ष्म पदार्थों को भी प्रभावित करती है।
विज्ञान मानता है कि यह dark energy के रूप में अलोकाकाश में भी है, हालाँकि अन्य दर्शन इसे नहीं स्वीकारते हैं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र – 5/6)
Share this on...
One Response
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने आकाश को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
One Response
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने आकाश को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।