“चरण”
मंदिर तक पहुंचाते हैं..
और
“आचरण”
ईश्वर तक ।
(अनुपम चौधरी)
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जीवन में आचरण आना ही महत्वपूर्ण है ताकि कल्याण हो सकता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि जिनके चरण मन्दिर में पहुंचते हैं वहीं लोग भगवान् के चरण स्पर्श कर अपने आचरण को पवित्र बना सकते हैं।
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जीवन में आचरण आना ही महत्वपूर्ण है ताकि कल्याण हो सकता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि जिनके चरण मन्दिर में पहुंचते हैं वहीं लोग भगवान् के चरण स्पर्श कर अपने आचरण को पवित्र बना सकते हैं।