आत्मा में ज्ञान तो सबके है।
पर महत्वपूर्ण है… क्या आपके ज्ञान में आत्मा है ?
आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी(25 सितम्बर)
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने आत्मा को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः ज्ञान कितना भी हो लेकिन विशुद्ध भाव नहीं होगे तब तक उस ज्ञान की उपयोगिता नहीं हो सकती है।
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने आत्मा को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः ज्ञान कितना भी हो लेकिन विशुद्ध भाव नहीं होगे तब तक उस ज्ञान की उपयोगिता नहीं हो सकती है।