आत्मोत्थान

जैसे कपड़े चमकाने के लिये पहले धोते हैं, नील देते हैं, फिर प्रेस करते हैं।
ऐसे ही आत्मा को चमकाने के लिये पहले आरम्भ-परिग्रह को धोओ, व्रतों का नील लगाओ, समयसार का टिनोपाल लगाकर ध्यान का प्रेस करो।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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One Response

  1. आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कपड़े की जगह आत्मा को चमकाने के लिए व़तों की नील लगाये एवं समयसार का टिनोपाल लगा कर ध्यान में डूब जाना है, ताकि चेतना का फल मिल सकता है।

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