प्राय: पूरा आनंद/सुंदरता लेने/देखने के लिये 14 दिन पूर्णमासी का इंतज़ार करते रहते हैं।
चंद्रमा की हर कला/आकृति की सुंदरता का नित्य 15 दिन आनंद क्यों नहीं लेते ?
चिंतन
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आनदं का तात्पर्य प़सन्नता एवं खुशियां होती हैं।
उपरोक्त चिंतन में स्पष्ट बताया गया है कि यदि आनंद लेना है,हर स्थिति में लेना चाहिए, चाहे पूर्णमासी हो या चंद्रमा की सुन्दरता हो। अतः हर परिस्थिति में आनदं लेता है वही जीवन का कल्याण करने में समर्थ हो सकता है।
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आनदं का तात्पर्य प़सन्नता एवं खुशियां होती हैं।
उपरोक्त चिंतन में स्पष्ट बताया गया है कि यदि आनंद लेना है,हर स्थिति में लेना चाहिए, चाहे पूर्णमासी हो या चंद्रमा की सुन्दरता हो। अतः हर परिस्थिति में आनदं लेता है वही जीवन का कल्याण करने में समर्थ हो सकता है।