शैल समान क्रोध में भी आयुबंध हो सकती है, बस इसके उत्कृष्ट में आयुबंध नहीं होगी।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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4 Responses
मुनि महाराज श्री प़णम्यसागर जी ने आयुबंध का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में आयुबंध के लिए उत्कृष्ट कार्य करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
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मुनि महाराज श्री प़णम्यसागर जी ने आयुबंध का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में आयुबंध के लिए उत्कृष्ट कार्य करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
‘शैल समान क्रोध’ ka kya meaning hai, please ?
शिला जैसी कठोर क्रोध।
Okay.