आरती
बड़ों की आशिका अपनी ओर लें, ताकि उनके गुण/ज्योति हममें भी आयें,
छोटों (दुल्हे आदि) की अपनी ओर से उनकी ओर करते हैं, ताकि हमारी ऊर्जा उनको मिले ।
मुनि श्री सुधासागर जी
बड़ों की आशिका अपनी ओर लें, ताकि उनके गुण/ज्योति हममें भी आयें,
छोटों (दुल्हे आदि) की अपनी ओर से उनकी ओर करते हैं, ताकि हमारी ऊर्जा उनको मिले ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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यह कथन बिलकुल सत्य है। बडो की आशिका लेने से उनके गुणों की ज्योति हृदय में जागने लगे। छोटों को अपनी ओर से उनके चरणों में पहुचना क्योंकि उनके आशीर्वाद से उनको ऊर्जा प़ाप्त हो सके। यह सब धम॓ से जुडने पर ही मिल सकती है।