आलोचकों को जबाव


एकमात्र पक्षी जो बाज को चोंच मारने की हिम्मत करता है,
वह है रेवेन…
यह बाज की पीठ पर बैठता है और उसकी गर्दन पर अपनी चोंच से काटता है, पर बाज जवाब नहीं देता, न रैवेन से लड़ता है-
बाज रेवेन के साथ लड़ने में समय और ऊर्जा बर्बाद करना व्यर्थ मानता है – बाज सिर्फ अपने पंख खोलता है और आसमान में और ऊँची उड़ान भरने लगता है – उड़ान जितनी ऊँची होती जाती है,रेवेन को सांस लेने के लिए उतनी ही कठिनाई होती है,
और अंत में ऑक्सीजन की कमी के कारण रैवेन गिर कर मर जाता है – इसीलिए कभी कभी सभी लड़ाइयों का जवाब देने की आवश्यकता नहीं होती है, लोगों के तर्कों कुतर्कों या उनकी आलोचनाओं के जवाब देने की कोई आवश्यकता नहीं है बस अपना कद ऊपर उठायें,
वह स्वतः ही गिर जाएंगे……………….

(अरविंद)

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One Response

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि जो आलोचकों को जबाव नहीं देता है वही अपनी ऊंचाई प्राप्त करता है। अतः उदाहरण से स्पष्ट किया गया है,वह पूर्ण सत्य है।
    अतः जीवन में आलोचना को महत्व नहीं देना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।

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