आवश्यक जोड़ियाँ

* धन तभी सार्थक है,
जब धर्म भी साथ हो।

* विशिष्टता तभी सार्थक है,
जब शिष्टता भी साथ हो।

* सुंदरता तभी सार्थक है,
जब चरित्र भी शुद्ध हो।

* सम्पति तभी सार्थक है,
जब स्वास्थ्य भी अच्छा हो।

* देवस्थान गमन तभी सार्थक है,
जब हृदय में भाव हो।

* विद्वता तभी सार्थक है,
जब सरलता भी साथ हो।

* प्रसिद्धि तभी सार्थक है,
जब मन में निरअहंकारिता हो।

* बुद्धिमता तभी सार्थक है,
जब विवेक भी साथ हो।

* परिवार का होना तभी सार्थक है,
जब उसमें प्यार और विश्वास हो।

(नमिता-सूरत)

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