आस्था / भावना
आस्था अच्छी ही होती है,
भावना अच्छी/बुरी दोनों ।
आस्था में भावना होती है, भावना में आस्था ज़रूरी नहीं ।
आस्था भावना का परिष्कृत रूप है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
आस्था अच्छी ही होती है,
भावना अच्छी/बुरी दोनों ।
आस्था में भावना होती है, भावना में आस्था ज़रूरी नहीं ।
आस्था भावना का परिष्कृत रूप है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
4 Responses
यह कथन बिलकुल सत्य है कि आस्था अच्छी ही होती है लेकिन भावना अच्छी और बुरी दोनों होती है।
आस्था में भावना नियत होती है लेकिन भावना में आस्था होना आवश्यक नहीं है।
अतः यह सही है कि आस्था भावना का परिष्कृति रूप है।
Can meaning of “Parishkrit” be explained please?
Refined/ upgraded.
Okay.