चाह

जीवन को “आह” से “वाह” में परिवर्तित करने के लिये “चाह” हटाना होगा ।
तब जीवन को “राह” मिल जायेगी ।

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One Response

  1. उक्त कथन सत्य है कि जीवन को आह से वाह में परिवर्तन करने के लिए चाह हटाना आवश्यक है, तभी जीवन को राह मिल जावेगी।इसका मतलब आह जीवन में दुखी होता है लेकिन वाह का मतलब खुशी होना है लेकिन अपनी चाह यानी इच्छाओं को कम करके,जीवन में राह यानी रास्ता अवश्य मिल सकता है।

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