आहारक/अनाहारक काल

आहारक काल –->
जघन्य = क्षुद्र जीव का काल(-)3 समय (विग्रह गति का)।
अनाहारक काल –->
जघन्य = 1 समय
उत्कृष्ट = 3 समय

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीवकांड: गाथा– 670)

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6 Responses

  1. मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने आहारक एवं अनाहारक काल को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।

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