इच्छा
आग पर तरल पदार्थ डालने से आग बुझ जाती है।
पर इच्छा ऐसी आग है उसमें घी जैसा बहुमूल्य तरल भी (इच्छापूर्ति के लिये) डाला जाय तो इच्छा रूपी अग्नि और-और भड़कती है।
चिंतन
आग पर तरल पदार्थ डालने से आग बुझ जाती है।
पर इच्छा ऐसी आग है उसमें घी जैसा बहुमूल्य तरल भी (इच्छापूर्ति के लिये) डाला जाय तो इच्छा रूपी अग्नि और-और भड़कती है।
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2 Responses
इच्छा का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में अपने कल्याण के लिए इच्छाओं को सीमित करना परम आवश्यक है।
इच्छा रूपी अग्नि को
यदि करना हो भस्म।
जीवन में उपभोग को,
करिए कम से कम।।