आप चाहे कितनी भी उतावली कर लो/ दौड़ लो, दुनियाँ अपनी गति से ही चलती रहेगी।
हड़बड़ी में काम खराब तथा कर्म बंध भी ज्यादा होते हैं।
चिंतन
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उपरोक्त कथन सत्य है कि आप चाहें कितनी उतावली कर लो या दौड लो दुनियाँ अपनी गति से चलती रहेगी! अतः जीवन का कल्याण करना हो तो किसी भी कार्य में उतावली नहीँ रहना चाहिए!
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उपरोक्त कथन सत्य है कि आप चाहें कितनी उतावली कर लो या दौड लो दुनियाँ अपनी गति से चलती रहेगी! अतः जीवन का कल्याण करना हो तो किसी भी कार्य में उतावली नहीँ रहना चाहिए!