उत्तम त्याग

• त्याग में प्रत्युपकार आया तो वह तामसिक होगया,
प्रदर्शन के साथ राजसिक,
कर्तव्य मानकर छोड़ा जैसे सफाई करके हल्कापन महसूस करते हैं, तो सात्विक ।
• पहले अचेतन का त्याग करें फिर चेतन का ।

मुनि श्री क्षमा सागर जी

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4 Responses

  1. यह कथन सत्य है कि पहले अचेतन का त्याग करना चाहिए और उसके बाद चेतन का।उत्तम त्याग में स्वाद,स्वार्थ,अंहकार,बुरे विचार आदि का त्याग करना चाहिए। जिसके पास धन दौलत हो उसे मन्दिर, मूर्ति, जिनवाणी, आहार दान एवं अन्य परमार्थतिक कार्यो में जो गरीबों की सेवा हो सके, इसके साथ जीव दया के लिए दान करना आवश्यक है क्योंकि जीवन का कल्याण हो सकता है।

    1. ● प्रत्युपकार = उपकार के return में चाहना ।
      ● अचेतन/जड़ वस्तुओं को छोड़ना आसान है,इसलिए पहले उन्हें त्यागने को कहा, बाद में चेतन प्रियजनों से ।

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